Wednesday 29 November 2017

बिट कॉइन

📚Amazing GK📚:
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क्या आपको पता है...?

बिटकॉइन....

बिटकाइन एक नई और डिजिटल मुद्रा है। कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है। इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने किया है। सातोशी का यह छद्म नाम है.

महत्वपूर्ण तथ्य

१- सामूहिक संगणक जाल पर पारस्परिक भुगतान हेतु कूट-लेखन द्वारा सुरक्षित यह एक नवीन मुद्रा है। अंकीय प्रणाली से बनाई गई यह मुद्रा अंकीय पर्स में ही रखी जाती है.

२- इसकी शुरुआत ३ जनवरी २००९ को हुई थी.

३- यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है.

४- दुनिया भर में १ करोड से अधिक बिटकाइन हैं, जिनका मूल्य ५५ हज़ार करोड रुपए हैं.

बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है आभासी मतलब कि अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भोतिक स्वरुप नहीं है यह एक डिजिटल करेंसी है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप नातो देख सकते हो और नहीं छु सकते यह  केवल इलेक्ट्रॉनिक स्टोर होती है अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है.

वर्तमान में संसार में बिटकॉइन काफी लोकप्रिय हो रहा है इसका आविष्कार  सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने  2008 में किया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.

आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है इस बजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है   जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे है किसी अन्य क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है नहीं कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन देन के बारे में पता किया जा सकता है

बिटकॉइन दुनिया का सबसे पहला डिजिटल बिकेंद्रिक्रत करेंसी  है यह एकदम सुरक्षित और सुपर फास्ट है और यह दुनिया में कहीं भी कारगर है बिटकॉइन का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है किसी योग्यता की जरूरत नहीं है कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है और इसकी कोई सीमा भी नहीं है

ऐसे सैकड़ों हजारों वेबसाइट कंपनी है जो बिटकोइन को स्वीकार कर रही हैं प्लेन की टिकट होटल रूम इलेक्ट्रॉनिक्स कार कॉफी और किसी अन्य चीज के लिए भी पेमेंट कर सकते हैं हर साल दुनिया में  $1 से लेकर एक मिलियन डॉलर तक इधर से उधर हो जाता है वैसे भी पैसे लेने के लिए हम लोग बैंक और कई कंपनी का सहारा लेते हैं यह सभी कंपनियां हमारे भेजे हुए पैसे को हमारे लोगों तक पहुचाने के लिए अतिरिक्त राशी  लेती है और हमें उन पर भरोसा करना पड़ता है वेस्टर्न यूनियन मनी ग्राम और उन जैसी दूसरी कंपनियां की मदद चाहिए होती है मगर  इस सुविधा को प्राप्त  करने के लिए कोई मंजूरी भी लेनी नहीं पड़ती है आज भी कई लोगो के पास बैंकिंग सुविधा नहीं है लेकिन उन लोगों की संख्या अधिक है जिनके पास इंटरनेट के साथ सेल फोन है और यह इंटरनेट के माध्यम से व्यापार नहीं कर सकते लेकिन अब यह बिटकॉइन की वजह से ऐसा कर सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन पर किसी व्यक्ति विशेष सरकार या कंपनी का कोई स्वामित्व नहीं होता है बिटकॉइन करेंसी पर कोई भी सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी नहीं है आज बिटकॉइन काफी पॉपुलर है इसे शक्ति उन हजारों लोगों से मिलती है जिनके पास विशेष कंप्यूटर है जो नेटवर्क को शक्ति संपन्न बनाते हैं नेट पर विनिमय को  सुरक्षित करते हैं और लेनदेन की जांच करते हैं इसे माइनिंग कहा जाता है 

बिटकॉइन माइनिंग.

आम भाषा में माइनिंग का मतलव ये होता है कि खुदाई के द्वारा खनिजो को निकालना जैसे की सोना कोयला आदि की माइनिंग चूकि बिटकॉइन का कोई  भोतिक रूप तो है नहीं तो इसकी माइनिंग परंपरागत तरीके से तो नहीं हो सकती इसकी माइनिंग मतलव की बिटकॉइन का निर्माण करना होता है जो की कंप्यूटर पर ही संभव है अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है

बिटकॉइन माइनिंग का मतलब एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन  ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है साथ ही नेटवर्क को सिंक्रोनाइज भी किया जाता है यह एक बिट कंप्यूटर सेंटर की तरह है पर यह डी सेंट्रलाइज सिस्टम है जिससे कि दुनिया भर में स्थित माइनरस कंट्रोल करते हैं माइनरस बो होते हैं जो माइनिंग का कार्य करते हैं अर्थात जो बिटकॉइन बनाते हैं अकेला एक इंसान माइनिंग को कंट्रोल नहीं कर सकता| बिटकॉइन बिटकॉइन माइनिंग की सफलता का ट्रांजैक्शन प्रोसेस करने पर जो पुरस्कार मिलता है वह बिटकॉइन होता है। बिटकॉइन माइनरस को माइनिंग के लिए  एक इस्पेशल हार्डवेयर या कहें तो एक शक्तिशाली कंप्यूटर जिसकी पप्रोसेसिंग तीव्र हो की आवश्यकता होती है इसके अलावा बिटकॉइन माइनिंग सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है माइनरस अगर ट्रांजैक्शन को कंप्लीट कर लेते हैं तो उन्हें ट्रांजैक्शन फीस मिलती है यह ट्रांजैक्शन फीस बिटकॉइन के रूप में ही होती है एक नई ट्रांजैक्शन को कंफर्म  होने के लिए उंहें ब्लॉक में शामिल करना पड़ता है उसके साथ एक गणितीय प्रणाली होती है उससे हल करना होता है कि जो की बहुत कठिन होता है जिसकी पुष्टि करानी होता है  प्रूफ करने के लिए आपको लाखों कैलकुलेशन प्रति सेकंड करनी पड़ेगी उसके बाद ही ट्रांजैक्शन कंफर्म होगा। जैसे जैसे माइनरस  हमारे इस नेटवर्क से जुड़ेंगे तो उन्हें माइनिंग करने के लिए रिक्त ब्लाक खोजने का तरीका और भी कठिन हो जाएगा.

माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित  क्षमता हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस  केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.

बिटकॉइन के माइनिंग का प्रमुख उद्देश है बिटकॉइन नोड को सुरक्षित बनाना  और नेटवर्क को छेड़छाड़ से दूर रखना.

माइनिंग के द्वारा ने राशि लगभग 25 से 30 बिटकॉइन कमाए जा सकते है  जिसकी कीमत भारतीय मुद्रा में लाखो में होती है।

वर्तमान में यह सभी भौतिक मुद्राओ से कही अधिक मूल्यवान मुद्रा बन चुकी है।

बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है। बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है। एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं। यानी 0.00000001 BTC को एक सातोशी कहा जाता है.

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