Amazing GK📚:
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क्या आप जानते है...?
Keyboard में सारे अक्षर लगातार क्यूँ नही लिखे गए ? इस पर ए के बाद बी और फिर सी और डी दिखना चाहिए था.
कीबोर्ड का जो डिजाइन हम आज प्रयोग करते है वह 1873 में ‘Christopher Sholes’ द्वारा typewriter के लिए तैयार किया गया था उस समय वो अक्षर एक तरफ लगाए गए थे जो ज्यादा प्रयोग होने थे और वो एक तरफ जो कम प्रयोग होने थे.
दरअसल, टाइपराइटर मैकेनिकल ईनपुट पर काम करता है इसमें जिस अक्षर की कुँजी दबाई जाती है उसी अक्षर की धातु की पट्टी कागज पर जाकर लगती है तब अक्षर छपता है.
पहले टाइपराइटर के कीबोर्ड पर अक्षर लगातार लिखे गए थे जैसे: A, B, C, D. लेकिन ऐसा करने से कुँजिया जाम होने लगी. मतलब, आपस में फंस जाती थी. जिससे गलती होने के चांस बढ़ गए और टाइपराटर में बैकस्पेस का भी बटन नही होता. अगर एक बार गलती हो जाती तो पूरा कागज दोबारा टाइप करना पड़ता. इसलिए बहुत ही ग़ज़ब ढंग से शाॅल्स ने आज वाला कीबोर्ड तैयार किया. जिसमें कुँजियों के आपस में फंसने की संख्या ना के बराबर हो गई.
जो अक्षर बहुत ज्यादा प्रयोग होते थे जैसे: E और I. उन्हें एक निश्चित राॅड पर बीच में लगाया गया. जबकि जो अक्षर कम प्रयोग होने थे जैसे: Z और X. उन्हें एक निश्चित राॅड पर कोने में लगाया गया.
आज वाले कीबोर्ड को QWERTY keyboard कहा जाता है. इसकी पहली लाइन के पहले छः अक्षर से मिलकर इसका नाम qwerty पड़ा था.
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