Monday 10 April 2017

दिल को छू जानेवाली कविता

हर एक शख्स की नजरों से उतर जाना हे
आप ही कहे दो अब हमें किधर जाना हे
उन की हर बात को सीने से लगा लेते हे जो
वो समजते हे कहेना हे और मुकर जाना हे
बात तो जब हे मुहब्बत का शजर हो जाये
फुल तो फुल हे खिलना हे बिखर जाना हे
कौन कहेता हे फुलों की तमन्ना हे मुजे
मेरा दामन तो कांटो ही से भर जाना हे
सिर्फ दो चार ही गम नहीं जींदगी में मेरी
एक समंदर हे जहां तक भी नजर जाना हे
तूटी कश्ती का मेरी हौसला तो देख ' फराज '
दिल में अरमां हे और तूफां से गुजर जाना हे
# सलीम ' फराज '

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